Vodafone-Idea को झटका! राजस्थान सरकार ने 27 लाख रुपए का ठोका जुर्माना, जानिए क्या है मामला
Vodafone-Idea: राजस्थान सरकार ने टेलीकॉम कंपनी पर 27 लाख रुपए का जुर्माना ठोका है. डाटा लीक के मामले में कंपनी पर जुर्माना लगाया गया है.
Vodafone-Idea पर राजस्थान सरकार ने लगाया लाखों रुपए का जुर्माना (PTI)
Vodafone-Idea पर राजस्थान सरकार ने लगाया लाखों रुपए का जुर्माना (PTI)
Action Against Vodafone-Idea: राजस्थान सरकार की तरफ से टेलीकॉम कंपनी (Telecom Company) वोडाफोन-आइडिया को बड़ा झटका लगा है. डाटा लीक के मामले में राजस्थान सरकार ने टेलीकॉम कंपनी पर 27 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. बता दें कि IT ACT 2000 के तहत कंपनी पर जुर्माना लगाया गया है. राजस्थान में आईटी एक्ट के तहत जुर्माना लगाने का ये अपने आप में पहला मामला है.
1 महीने में भरना होगा जुर्माना
अधिकारियों ने IANS को बताया कि अगर कंपनी निर्धारित समय में पीड़ित का जुर्माना राशि नहीं देती है तो उसे हर महीने 10 फीसदी ब्याज देना होगा. एक अधिकारी के मुताबिक, एक यूजर का मोबाइल सिम डैमेज हो गया था और उसने डुप्लीकेट सिम के लिए अप्लाई किया था. हालांकि टेलीकॉम कंपनी की ओर से ये सिम दूसरे यूजर को बिना किसी वेरिफिकेशन के दे दिया गया.
आरोपी ने पीड़ित के खाते से निकाले 68 लाख रुपए
अब दूसरे यूजर ने पहले व्यक्ति के खाते से 68 लाख रुपए निकाल लिए थे क्योंकि पहले यूजर का सिम कार्ड सभी ऑनलाइन बैंकिंग और ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी से जुड़ा हुआ था. पीड़ित को जब इस बात का पता चला तो उसने आईटी एक्ट के तहत कंपनी पर मुआवजा देने के लिए दावा किया.
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पांच दिन बाद पीड़ित का डुप्लीकेट सिम चालू हुआ, जिसके बाद उसके पास विड्रॉल के मैसेज आने लगे और उसे इस ठगी के बारे में पता चला. बता दें कि ये मामला 2020 में सामने आया था. पीड़ित ने इसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज की और आरोपी को अल्वर से गिरफ्तार किया गया.
पीड़ित ने IT ACT के तहत दर्ज की शिकायत
68 लाख रुपए में से 44 लाख रुपए पीड़ित को दिए जा चुके हैं. लेकिन क्योंकि अभी भी काफी राशि बची हुई है, इसलिए पीड़ित ने आईटी एक्ट के तहत शिकायत दर्ज की है. सूचना और प्रोद्यौगिकी और संचार विभाग के प्रमुख शासन सचिव आलोक गुप्ता ने इस मामले की सुनवाई की.
जुर्माना ना भरने पर लगेगी पेनाल्टी
आलोक गुप्ता ने सुनवाई के बाद वोडाफोन-आइडिया पर 27 लाख रुपए का जुर्माना लगाया. इसी के साथ कंपनी को निर्देश दिए गए कि वो एक महीने के अंदर ही पीड़ित को इस राशि का भुगतान करे. अगर ऐसा नहीं किया तो हर महीने 10 फीसदी की दर से ब्याज देना होगा.
02:59 PM IST